1 अप्रैल से बड़ा बदलाव! बैंक में ज्यादा जमा-निकासी और FD करने पर मिलेगा- Income Tax Notice 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बैंकिंग से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम बदलने वाले हैं। अगर आप बैंक में बड़ी रकम जमा या निकासी कर रहे हैं या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं! आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजर अब आपके बैंकिंग लेन-देन पर और भी सख्त होने वाली है।
सरकार ने कैश डिपॉजिट, कैश निकासी और FD से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके उल्लंघन पर आपको इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है। इस लेख में हम आपको इन बदलावों की पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप अपने फाइनेंशियल प्लान को सही तरीके से मैनेज कर सकें।
बैंकिंग नियमों में क्या बड़े बदलाव हुए हैं?
1. कैश जमा करने की लिमिट और इनकम टैक्स नोटिस
अगर आप 1 अप्रैल 2025 से बैंक में एक तय सीमा से ज्यादा नकद राशि जमा करते हैं, तो आपका लेन-देन आयकर विभाग की नजर में आ सकता है।
🔹 सेविंग अकाउंट (Saving Account): अगर आप एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देगा।
🔹 करंट अकाउंट (Current Account): करंट अकाउंट में यह सीमा 50 लाख रुपये प्रति वर्ष तय की गई है।
यदि आप इन सीमाओं से अधिक कैश जमा करते हैं और आपका इनकम सोर्स क्लियर नहीं है, तो आपको ITR (Income Tax Return) में इसका विवरण देना होगा। अन्यथा, आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।
2. बैंक से नकद निकासी पर भी होगी निगरानी
अब सिर्फ जमा ही नहीं, बल्कि कैश निकासी पर भी इनकम टैक्स विभाग की नजर होगी।
🔸 सेविंग अकाउंट से 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर इनकम टैक्स विभाग इसकी रिपोर्ट ले सकता है।
🔸 करंट अकाउंट से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर भी रिपोर्टिंग जरूरी होगी।
यदि आप बैंक से इस तय सीमा से अधिक नकद निकासी कर रहे हैं, तो बैंक आपका पैन कार्ड (PAN) और अन्य KYC डॉक्युमेंट्स अनिवार्य रूप से मांग सकता है।
3. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने पर नई सीमा
यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में एक साल में 10 लाख रुपये से अधिक निवेश करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देगा।
यदि आपकी सालाना आय इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में आती है, तो आपको ITR में FD से मिलने वाले ब्याज को दिखाना होगा।
यदि आपने बड़ी FD कर दी है और आपकी टैक्स प्रोफाइल साफ नहीं है, तो आपको आयकर विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है।
बैंकिंग लेन-देन की सीमा (नया नियम)
लेन-देन का प्रकार | सीमा (Annual Limit) | रिपोर्टिंग आवश्यक है? |
---|---|---|
सेविंग अकाउंट में नकद जमा | ₹10 लाख से अधिक | हाँ |
करंट अकाउंट में नकद जमा | ₹50 लाख से अधिक | हाँ |
सेविंग अकाउंट से नकद निकासी | ₹10 लाख से अधिक | हाँ |
करंट अकाउंट से नकद निकासी | ₹1 करोड़ से अधिक | हाँ |
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) | ₹10 लाख से अधिक | हाँ |
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान | ₹1 लाख (कैश में) या ₹10 लाख (ऑनलाइन) | हाँ |
आयकर विभाग को नोटिस क्यों भेजने की जरूरत पड़ती है?
बैंक आपके लेन-देन की जानकारी सीधे CBDT (Central Board of Direct Taxes) और आयकर विभाग को भेजता है। यदि कोई बड़ा ट्रांजैक्शन आपकी आय के स्रोत से मेल नहीं खाता, तो आयकर विभाग इसकी जांच कर सकता है।
अगर आप अपना ITR फाइल नहीं कर रहे हैं या आपने अपनी संपत्ति और आय की सही जानकारी नहीं दी है, तो आयकर विभाग आपको नोटिस जारी कर सकता है।
कैसे बचें इनकम टैक्स नोटिस से?
अगर आप इन नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहते हैं, तो इन टिप्स को अपनाएं:
ITR भरना अनिवार्य बनाएं – अगर आप बड़े फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, तो नियमित रूप से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करें।
पैन और आधार लिंक करें – सभी बैंक अकाउंट में पैन और आधार लिंक होना चाहिए, ताकि आपके लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहे।
बैंकिंग लेन-देन को ट्रैक करें – अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन की रिकॉर्डिंग करें और अवश्यकतानुसार बैंक स्टेटमेंट संभालकर रखें।
बैंक से पूछताछ करें – यदि आप बड़े ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, तो पहले ही बैंक से नियमों की जानकारी ले लें।
(FAQs)
1. क्या बैंक से 10 लाख रुपये निकालने पर नोटिस आ सकता है?
हाँ, यदि आपकी नकद निकासी सीमा 10 लाख रुपये से अधिक होती है, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देगा।
2. क्या FD पर टैक्स देना जरूरी है?
हाँ, FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लागू होता है। यदि ब्याज की राशि ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक है, तो बैंक TDS (Tax Deducted at Source) काट सकता है।
3. अगर मैं ₹10 लाख से ज्यादा की FD करता हूँ तो क्या होगा?
बैंक इस लेन-देन की रिपोर्ट आयकर विभाग को देगा, और यदि आपकी इनकम का स्रोत स्पष्ट नहीं है, तो आपको इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है।
4. क्या पैन कार्ड के बिना 10 लाख रुपये जमा कर सकता हूँ?
नहीं, अगर आप 50,000 रुपये से अधिक कैश जमा कर रहे हैं, तो पैन कार्ड देना अनिवार्य होगा।
5. क्रेडिट कार्ड के बिल भुगतान पर भी निगरानी रखी जाएगी?
हाँ, यदि आप ₹1 लाख रुपये से अधिक कैश में क्रेडिट कार्ड बिल जमा करते हैं या ₹10 लाख रुपये से अधिक ऑनलाइन भुगतान करते हैं, तो इसकी जानकारी भी इनकम टैक्स विभाग को दी जाएगी।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए बैंकिंग नियम आम जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यदि आप इनकम टैक्स नोटिस से बचना चाहते हैं, तो अपने बैंकिंग लेन-देन को सुनियोजित तरीके से करें और नियमित रूप से ITR फाइल करें।
सरकार की इन सख्त निगरानियों का मकसद काले धन (Black Money) को रोकना और पारदर्शिता लाना है। इसलिए, अगर आप बैंक में बड़ी रकम जमा या निकाल रहे हैं, तो सही दस्तावेज़ और आय का स्रोत स्पष्ट रखें।
क्या आपको यह जानकारी उपयोगी लगी? इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि वे भी इन नए नियमों के बारे में जागरूक हो सकें!